दाउदनगर थाना क्षेत्र के एक निजी स्कूल में एक नौ वर्षीय बालक की संदिग्ध मौत हो गई।स्कूल द्वारा शव को घर पहुंचा दिया गया ओर बिन कुछ बताए शव को घर पर छोड़ वहां खिसक लिए।संवाद प्रेषण तक मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है। मिली जानकारी के अनुसार दाउदनगर थाना क्षेत्र उचकुंधा गांव निवासी विनोद सिंह का नौ वर्षीय पुत्र मुन्ना कुमार दाउदनगर के गया रोड स्थित होली क्रॉस पब्लिक स्कूल का तीसरी कक्षा का विद्यार्थी था। परिजनों का कहना है कि रोज की तरह वह मंगलवार को भी स्कूल वाहन से अपने घर से स्कूल के लिए रवाना हुआ था। विद्यालय के एक शिक्षक बालक का शव लेकर एक निजी अस्पताल के एंबुलेंस से उस गांव में पहुंच गया और शव पहुंचा कर भाग गया। शाम होते होते जब ग्रामीणों को इसकी जानकारी हुई तो ग्रामीण मृतक बच्चे की मां फुल कुमारी देवी के साथ मंगलवार की रात में थाना पहुंचे और थाना को इसकी लिखित सूचना दी।सूत्रों ने बताया कि मृतक की मां स्कूल संचालक समेत दो लोगों को नामजद आरोपित बनाते हुए प्राथमिकी दर्ज करने के लिए एक आवेदन दाउदनगर थाना में दिया है।थानाध्यक्ष विश्व मोहन चौधरी ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर घटना की तहकीकात की जा रही है।पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल औरंगाबाद भेज दिया है।बालक के मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही बच्चे की मौत के कारणों का पता चल सकता है। पक्ष जानने हेतु जब स्कूल प्रशासक से संपर्क साधा गया तो मोबाइल ऑफ बता रहा था ,संवाद प्रेषण तक बात नहीं हो पा रही थी।
पिता बाहर रहकर करते हैं मजदूरी :
मृतक बालक के पिता विनोद सिंह कहीं बाहर रहकर मेहनत मजदूरी करते हैं ।ग्रामीणों ने बताया कि विनोद सिंह के एक पुत्र और दो पुत्री थे।निजी स्कूल में पढ़ाई कर रहे एकलौते पुत्र का निधन हो गया है ।माता पिता ने बड़ा सपना संजोते हुए अपने इकलौते पुत्र का नामांकन निजी विद्यालय में कराया था ,ताकि उनका पुत्र पर पढ़ लिखकर आगे बढ़ सके ,लेकिन उनका यह सपना अधूरा ही रह गया।
रोते रोते माँ का हुआ बुरा हाल:
अपने इकलौते पुत्र के शव को गोद मे लिए मृतक की मां दहाड़ मार कर रो रही थी बोले जा रही थी कि बबुआ के पढ़ा लिखा के कुछ बनावे के सपनवा देखले हली हो भगवान,ई का दिनवा दिखा देला हो भगवान,बाबू उठ बाबू …..बोलते बोलते बेहोश हो जारही थी जब होश आता वो अपने पुत्र को उठाने लग जा रही थी।साथ आई महिलाएं उसे संभालने में लगी थी वे सब भी खुद को नही रोक पा रही थी।