आजकल लोग चंद सुविधा के लिए लोगो परेशानी में डाल देते हैं।सड़क को ही अपनी जागीर समझ लेते हैं।
प्रखंड के सिंदुआर गांव में स्कूल के समीप सड़क पर ही कुछ ग्रामीणों द्वारा सरसों का डंठल रख दिया गया है जिससे आने जाने वाले ग्रामीणों को काफी परेशानी से रूबरू होना पड़ है। अधिकतर साइकिल एवं बाइक सवार आवागमन करने वाले लोग काफी परेशान हैं।शिक्षक व सामाजिक चिंतक गोपेंद्र कुमार सिन्हा गौतम ने बताया कि आजकल ग्रामीण सड़कों का हाल कुछ ऐसा हो गया है मानो वे सड़क नहीं खलिहान हो.यह कोई एक गांव के सड़क का हाल नहीं लगभग प्रत्येक गांव में ऐसा ही नजारा कृषि के मौसम में देखने को मिल रहा है.कुछ लोग फसलों को डंठल से अनाज को अलग करने के लिए उससे सड़क पर फैला दे रहे हैं ताकि आने जाने वाले वाहनों के चक्के से चपकर अनाज डंठल मे लगे फलियों से अलग हो जाए. उन्हें जरा सी भी चिंता नहीं कि आने जाने वाले लोगों को इससे कितनी परेशानी होगी.वह यह भी नहीं सोच रहे हैं की सड़क पर फसलों यथा रबी फसल गेहूं चना मसूर सरसों तीसी जौ जई अरहर और खरीफ के मौसम में धान के फसल को फैलाने से अपने बाल बच्चे की जान भी जोखिम मे डाल रहे हैं.फसल के डंठल पर जैसे ही दुपहिया वाहन चढ़ते हैं चक्का तेजी से फिसलने लगता है तथा वाहनों के पहिया में कृषि अवशेष फंस जाता है जिससे किसी की भी जान जाने का डर हमेशा बना रहता है इससे केवल वाहन चालक की जान जोखिम में नहीं रहता अपितु पैदल आने जाने वाले तथा सड़क के किनारे खेल रहे नन्हे मुन्ने बच्चों के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है.इस तरह के दृश्य केवल ग्रामीण सड़कों पर ही नहीं राजकीय और राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी देखने को मिलता है जहां थ्रेसर से गेहूं कटने के बाद जो कुछ अवशेष बच जाता है जिसे गोलरी कहते हैं उसे सड़क पर डाल दिया जा रहा है ताकि वाहनों के चक्के से कुचलकर अनाज अलग हो जाए.गोलरी सड़क पर डालने के कारण उसके भूसा उड़ने से आने जाने वाले चार पहिया दुपहिया तथा अन्य वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा बन जाता है क्योंकि गाड़ियों के आने जाने से भूसा बहुत तेजी से उड़ता है जिससे अन्य छोटे चालकों को देखने में परेशानी उत्पन्न होता है और वह दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं यही नहीं सड़क पर कृषि फसल अवशेष डालने के दौरान भी दुर्घटना की संभावना तथा उसको बटोरने के समय भी दुर्घटना घट सकता है.
शिक्षक और सामाजिक चिंतक गोपेंद्र कुमार सिन्हा गौतम कहते हैं यह समस्या ग्रामीणों में सड़क सुरक्षा के बारे में जानकारी के अभाव एवं जागरूकता के कमी कारण उत्पन्न हो रहा है साथ ही प्रशासनिक तत्परता में कमी भी एक कारण है.अगर कोई सड़क को खलिहान बना रहा है तो उसे इसके लिए दंडित किया जाना चाहिए क्योंकि वे दूसरों के जान जोखिम में डालने के साथ साथ अपनी तथा अपने बाल बच्चों के जान को भी जोखिम में डाल रहे हैं जो कि गैरकानूनी है.मैं स्थानीय प्रशासन से मांग करता हूं इस तरह के कार्य करने वालों को चेतावनी दिया जाए अगर वे फिर भी नहीं माने तो उनके साथ विधि सम्मत कानूनी करवाई किया जाए,ताकि किसी बेगुनाह को बेवजह परेशानी नहीं झेलना पड़े. शिक्षक मनीष कुमार जौली ने बताया उन्हें रोज विद्यालय आने जाने में सिंदुवार गांव से गुजरते वक्त इस समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है कई बार दुर्घटना के शिकार होते होते बचा हूं.शिक्षक अंबुज कुमार मनीष कुमार जौली सच्चिदानंद सिंह संतोष यादव सुरेंद्र भारतीय यशवंत बादशाह चौधरी संतोष कुमार शाह फैसल आदि लोगों ने ग्रामीणों के इस हरकत पर गंभीर चिंता व्यक्त की है तथा ग्रामीणों से आग्रह किया है वे राहगीरों के साथ साथ आम लोगों के जिंदगी के साथ खिलवाड़ नहीं करें अन्यथा प्रशासनिक प्रशासनिक कार्रवाई का सामना भी करना पड़ सकता है.