हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। हिंसा का मार्ग छोड़ कर अहिंसा का मार्ग अपनाएं। अपने कर्म से एवं वचन से किसी को भी किसी प्रकार का दुख नहीं पहुंचाएं।यही गांधीजी का विचार एवं आदर्श भी था।उक्त बातें
एसडीओ अनीस अख्तर ने दाउदनगर उपकारा में
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 में वर्षगांठ के अवसर पर दांडी मार्च की वर्षगांठ पर आयोजित समारोह में बंदियों को संबोधित करते हुए कही।इससे पहले समारोह की शुरुआत गांधी जी की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन करते हुए किया गया।एसडीओ अनीस अख्तर, डीसीएलआर राहुल कुमार ,प्रभारी कारा अधीक्षक एवं अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी गोपाल शरण, प्रखंड विकास पदाधिकारी जफर इमाम, जेल के चिकित्सक डॉ संजय कुमार के अलावे सभी जेल कर्मियों एवं विचाराधीन बंदियों ने गांधी जी की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया.” वैष्णव -जन तो तेने कहिये, जे पीर पराई जाने रे”…. भजन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की गई ।सभी पदाधिकारियों एवं कर्मियों ने गांधीजी के जीवन एवं दर्शन से जुड़े प्रेरक विचार व्यक्त किए तथा दांडी मार्च के महत्व एवं उपलब्धियों, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास तथा समाज से सुधार से संबंधित विचार व्यक्त किए गए ।प्रभारी कारा अधीक्षक ने बताया कि बंदियों के बीच भाषण प्रतियोगिता एवं निबंध प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया और प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले बंदियों को पुरस्कृत भी किया गया।