होली के दिन पांच होनहारों की मौत ने हिला कर रख दिया है।मौत की सूचना के बाद होली की खुशी मातम में बदल गई।
गुरुवार की दोपहर करीब एक बजे के बाद से लेकर शुक्रवार तक दाउदनगर शहर वासी पूरी तरह गमनीन दिखे। कहीं कोई होली का उत्साह नहीं, कोई नहीं उमंग नहीं।शहर के हर मुहल्ले एवं हर गली के निवासी पूरी तरह शोकाकुल नजर आ रहे थे।अधिकांश दुकानें पूरी तरह बंद थीं। हर जगह सिर्फ होनहार छात्रों की ही चर्चा हो रही थी।हर कोई पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना जता रहा था।झुमटा का कोई उत्साह दाउदनगर में नहीं दिख रहा था। दाउदनगर के मुख्य सड़कों, गलियों आदि में सन्नाटा पसरा दिख रहा था।दाउदनगर के पांच होनहार छात्रों की नहर में डूबने से हुई हर किसी को शोकाकुल कर दिया है। लोग पूरी तरह से शोकाकुल हैं। गुरुवार की दोपहर से ही अधिकांश लोगों ने होली मनाना बंद कर दिया। शुक्रवार को भी शहर में झुमटा का कोई उत्साह नहीं दिखा।किसी में कोई उत्साह नहीं था। सड़क पर सन्नाटा-सा पसरा हुआ था। होली की दोपहर में सड़के सुनसान हो गई थी। हर के जुबान पर बस यही लफ्ज था कि हे भगवान ये क्या हो गया होली का यह गुरुवार शहर के लिए काला दिन बन गया।सभी सुबह का होली खेलने के बाद नहाने चले गए ।कौन जानता था कि यह अनहोनी हो जाएगी।शहर में गम व गुस्सा है। लोगो को सकते में हैं कि आखिर नहर में गड्ढा कर क्यों छोड़ दिया गया जो मौत का कुआं साबित हुआ।सभी होनहार बच्चे थे ।मां पिता के सपनो को पूरा करने में लगे थे।होली के छुट्टी में घर आए थे।चार युवक इंजीनियरिंग के छात्र थे,जिनके साथ घर की उम्मीदें थीं तो संभावनाएं भी।उन्हें इंजीनियर बनता देखने का सपना चकनाचूर हो गया।
मृतक छात्रों का अंतिम संस्कार सोनतटीय क्षेत्र स्थित काली स्थान घाट की ओर किया गया दो छात्रों(भखरुआं निवासी रौशन और कूचा गली निवासी निशांत)का अंतिम संस्कार गुरुवार की शाम ही कर दिया गया था।शुक्रवार को महावीर चबूतरा निवासी जीतू,रौशन और ज्ञानसागर का अंतिम संस्कार किया गया।जानकारी मिली कि इनके कुछ परिजनों के आने का इंतजार किया जा रहा था।मृतकों के परिजनों का रोते रोते बुरा हाल था।