विस्तार के इंतजार में सघन होते जा रहे शहर में जाम की समस्या आम होती जा रही है।सुबह से लेकर शाम तक लगने वाले जाम से नागरिक परेशान रहते हैं। जाम में फंसे तो जल्दी घर पहुंचने मंशा धरी रह जाती है। जाम का प्रमुख कारण प्रतिष्ठानों के बाहर पार्किंग न होने से बेतरतीब खड़े होने वाले वाहन हैं। जाम और अव्यवस्थाओं के इस कुचक्र में यातायात व्यवस्था भी दम तोड़ देती हैं। दस बजे के बाद भीड़ बढ़ने पर पूरा शहर रेंगता नजर आता है लेकिन इसकी चिंता प्रशासन को नहीं है। अतिक्रमण हटवाने के नाम पर ठेला व गुमटी वालों को हटाकर प्रशासन खानापूर्ति कर देता है लेकिन जाम का कारण बनने वाले इन पार्किंग रहित प्रतिष्ठानों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। यह शहर कई वर्षो से जाम की समस्या से कराह रहा है। अगर आपको जाम का नजारा देखना हो तो शहर के बाजार स्थित एसबीआई शाखा के तरफ आइए। यहां अक्सर जाम लगा रहता है। अगर आप जल्दी में हैं तो आपको रास्ता बदल कर जाना होगा। नहीं तो आप फंसे रहिये इस जाम में। कारण कि सड़क के दोनो तरफ मनमाने ढंग से वाहन खड़े कर देने से सड़क सकरा हो जाता है। इससे प्रतिदिन सुबह 10 बजे से वाहनों की लंबी कतार लग जा रही है। इससे आफिस व विद्यालय जाने वाले बच्चों को नियत समय से पहुंचने में बिलंब हो जा रहा है। यह जगह दिनभर जाम में फंसा रहता है। यहां सबसे बड़ी समस्या बेतरतीब खड़े रहने वाले वाहनों से लगने वाले जाम की है। बैंक में पार्किंग की व्यवस्था न होने के कारण यह समस्या इस क्षेत्र के लिए लाइलाज बीमारी बन चुकी है। पार्किंग न होने से यहां आने वाले लोग दुकानों के बाहर खड़ा कर देते हैं। दुकानों के बाहर बेतरतीब खड़े वाहनों के कारण इस क्षेत्र में रह चलना दूभर हो जाता है। बैंक का अपना पार्किंग की सुविधा नहीं है। जिससे ग्राहक जहां-तहां अपने वाहन खड़े कर देते हैं। दोपहिया वाहन भी यहां आसानी से नहीं गुजर सकते। अगर ऐसे में दोनों ओर से गाड़ी या अन्य कोई बड़ा वाहन आ जाए तो समझो बीच सड़क में ही लग गया जाम। आलम ऐसा कि कोई पैदल भी इधर-उधर नहीं जा सकता। ऐसा एक दिन का वाकया नहीं है।यहां यह उल्लेखनीय है कि बाजार के अंदर ही थाना और अस्पताल है। थाना और अस्पताल के काम से जरूरतमंदों आना जाना पड़ता है। यह दोनों ही सेवा आपातकालीन है। लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। हद तो यह कि कभी कभी पुलिस गाड़ी भी जाम में फंसती है।
क्या है जाम का कारण :
दरअसल बैंक के दर्जनों ग्राहक अपनी दो पहिया वाहनों को बैंक के ठीक सामने बेतरतीब तरीका से लगा कर काम से अंदर चले जाते हैं। बाहर तब निकलते हैं जब उनका काम हो जाता है। दूसरी तरफ शहर के मुख्य पथ की चौड़ाई बहुत कम है। ऊपर से दुकानदारों ने रोड के चाट को अतिक्रमित कर दिया है। ऐसे में परेशानी होगी ही। शहर के अंदर कई निजी विद्यालय हैं। विद्यालयों की बसें जब आती जाती हैं तो जाम लग जाता है।
क्या है हल :
नासूर बने जाम की समस्या से मुक्ति के लिए कई उपाय हैं। परंतु प्रशासन को सख्ती दिखानी होगी। सबसे पहले अतिक्रमण को हटाना होगा। दुकानदारों को इस बात की चेतावनी देनी होगी कि वह सुधर जाएं। रोड के चाट को वह अतिक्रमित न करें। दूसरा यह कि बेतरतीब ढंग से लगाये गए वाहन मालिकों के विरुद्ध कार्रवाई हो। ऐसे वाहनों को जब्त कर कार्रवाई की जाए जो कहीं भी गाड़ी पार्क कर चले जाते हैं और तीसरा यह कि बैंक भी अपने ग्राहकों के वाहनों की पार्किंग के लिए कोई अलग व्यवस्था करे। समस्या के समाधान का एक मात्र यही उपाय है। प्रशासन को एक और बात पर ध्यान देने की जरूरत है, वह यह कि बड़े वाहनों का बाजार में प्रवेश मौलाबाग से ज्ञान गंगा के रास्ते दाउदनगर बारुण रोड होते हुए कराए।