विजयादशमी का त्योहार अनुमंडल मुख्यालय समेत ग्रामीण क्षेत्रों तक परंपरागत वातावरण में आस्था एवं परंपरापूर्वक धूमधाम से विजयादशमी मनाया गया।पूरा वातावरण भक्ति गीतों एवं मां दुर्गा व मां काली के जयकारे से गूंजता रहा।भक्तों ने आदि शक्ति की प्रतिमा को नम आंखों से विदाई दी। इस दौरान मां दुर्गा के जयकारे से वातावरण गुंजायमान होता रहा। भक्तों में माता की प्रतिमा को एक झलक पाने की होड़ मचा था।शोभा यात्रा के दौरान भक्ति गीतों से भी वातावरण गूंज रहा था वहीं श्रद्धालुओं द्वारा करतब का प्रदर्शन भी किया जा रहा था।शोभायात्रा के दौरान जिन निर्धारित रुटों से मां की प्रतिमायें गुजर रहीं थीं,उन रुटों पर प्रतिमाओं के दर्शन के लिये महिला -पुरुष श्रद्धालुओं की लंबी कतार भी लगी दिख रही थी।शोभायात्रा के साथ नगर भ्रमण करते हुये मां की प्रतिमायें विसर्जन स्थल पहुंची,जहां पूजा अर्चना एवं मां की आरती के साथ प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया।शहर की प्रतिमाओं का विसर्जन अमृत बिगहा तालाब में किये जाने की परंपरा रही है,वहीं कई प्रतिमायें सूर्य मंदिर तलाब व नहर में विसर्जन किया गया।वहीं विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों की प्रतिमायें समीपवर्ती तालाबों,पोखरों आदि में की गयी।वैसे तो अधिकांश पूजा समितियों द्वारा मंगलवार की देरा रात तक प्रतिमाओं का विसर्जन कर दिया गया,लेकिन कुछ पूजा समितियों द्वारा बुधवार को भी प्रतिमा विसर्जन किया जा रहा है।परंपरापूर्वक सोनतटीय क्षेत्र स्थित काली स्थान परिसर में दशहरा का भव्य मेला भी लगा,जहां हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर मेला का आनंद लिया।दुर्गा पूजा को लेकर प्रशासन द्वारा सख्त सुरक्षा व्यवस्था का प्रबंध किया गया था।सभी चिंहित स्थानों पर दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी के नेतृत्व में पुलिस बल की तैनाती की गयी थी।शोभायात्रा के साथ भी पुलिस पदाधिकारी के नेतृत्व पुलिस बल तैनात थी।पुलिस द्वारा सघन गश्ती भी की जा रही थी।वरीय पुलिस पदाधिकारियों द्वारा मॉनिटरिंग की जा रही थी। वही काली स्थान लगे मेले में जाने के लिए पुरानाशहर वासियों के लिए शुलभ मार्ग वार्ड संख्या 9 से जाने वाली सड़क पर कोई लाइट नही होने से लोगो की नाराजगी भी देखी गई।हालांकि बारुण रोड के तरफ से आने वाली रास्ते व मेला में लाइट की व्यवस्था की गई थी।मेला में कहीं कहीं जलजमाव भी देखने को मिली।